Sunday, August 7, 2011

दिग्गी और अमर की बेकाबू बयानबाजी पर ....

भ्रस्टाचार पर अपने अंदाज़ में बात....व्यंग ...

गूगल प्लस की लांच पर ....

सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी के सेमिनार से लौट कर ...जो लिखा

दोस्त अमित के आग्रह दोस्ती पर जो लिखा .....

लोकायुक्त संतोष हेगड़े की रिपोर्ट आने के बाद कर्नाटक में पैदा हुए संकट और येदियुरप्पा पा के बारे में

कैग की रिपोर्ट आने पर लेख ..... सच नहीं छिपता छिपाने से

भूमि अधिग्रहण पर उपजे विवाद पर ....

Sunday, February 6, 2011

यूपी का क्या होगा ?


फेर्बेरी
दोस्तों! सियासत वो चीज है जो उम्र भर पेशा कराती है, सियासत में कुछ भी गलत नहीं होता हित तय करते है कि कौन शत्रु है और कौन मित्र , यूपी की सियासत में इन दिनों गर्मी आ गयी है ... पडोसी राज्य बिहार में सुशासन और विकास के बूते नीतीश वापस वापस लौटे तो ... बहिन जी नीद टूटी कि उनकी सरकार जनादेश खतम होने वाला है... चार साल से जयादा समय तक लखनऊ में बैठने वाली बहिन जी अब जिलो की सैर कर रही है, मीडिया में आ रही खबरों से सामने आ रहा है कि कहीं महिलाये कार के आगे लेट जा रही है और जहाँ सब कुछ शांति से निपट रहा है वहां से खबरे हैं कि प्रशाशन पहले ही नज़रबंद कर दे रहा है जिससे सच को छिपाया जा सके...प्रदेश में चारो तरफ से उत्पीडन और रेप के मामले सामने आ रहे है इसके बाद भी विपक्ष कोई बड़ा आन्दोलन खड़ा नहीं कर पा रहा है ... मुलायम सिंह, भले मुलायम होने का दिखवा कर रहे हो लेकिन लोगो के जेहन में उनके शाशन कि यादे अभी तक ताज़ा हैं। ऐसे में सवाल हैं कि बहिन जी का क्या होगा? क्या कांग्रेस करिश्मा कर पाएगी? या फिर बहिन जी वापसी करेंगी जो भी हो कमल वाली पार्टी की कानपुर में शुक्रवार को रैली हुई जिसमे बड़ी संख्या में लोग आये लेकिन अडवानी और मुरली मनोहर जोशी के ना आ पाने से महारैली सिर्फ रैली में तब्दील हो गयी . महासंग्राम का एलान नहीं हो सका मैं भी अडवानी जी को सुनने जाना चाहता था पर पता लगा कि अडवानी जी हवा में अटके हैं उनका प्लेने लैंड नहीं कर पा रहा है फिर बाद में खबर आई के उन्हें लखनऊ में लैंड कराया गया....अडवानी जी के प्लेने कि तरह बीजेपी भी प्रदेश में अटकी हुई है कि इधर जाऊं या उधर जाऊं...तो वहीं साइकिल वाले फरारी, होंडा सीआरवी से नीचे नहीं उतर पा रहे हैं । आज़म साहब पार्टी में वापस आ गए है पर क्या कर पायेगे भविष्य के गर्त में है । कुल मिला कर जनता नए विकल्प कि तालाश में है लेकिन नया विकल्प नज़र नहीं आ रहा है पुराणी पार्टी राहुल कि राह देख रही है ... अखिलेश यादव कहाँ शायद..खोजना पड़े तो हैरानी नहीं होनी चाहिए ... उत्तर प्रदेश नया नेत्रत्व मांग रहा है लेकिन कहीं कोई उम्मीद कि किरण नज़र नहीं आ रही है। प्रदेश पीछे जा रहा है .... निवेश और विकास के जगह , अपराध के लिए सुर्खियों में है, जनता बसपा को जनादेश देकर ठगा सा महसूस कर रही है @ पोस्ट के साथ प्रकाशित फोटो अशोक दोहरे कि है जो औरैया से जीते थे और मंत्री थे, इन्हें बहिन जी ने पिछले दिनों निकल दिया लेकिन अभी 13विधायक और मंत्री इस समय आरोपित हैं ... फिर भी वे पदों पर बने हुए हैं, उनके दाग बहिन जी को अच्छे लग रहे है .....

Friday, February 4, 2011

बरेली में जो हुआ

दोस्तों ! हादसों का कोई वक़्त मुकर्रर नहीं होता लेकिन हादसों से सबक ना लेना दुसरे हादसों को दावत देना है बरेली में जो हुआ सो हुआ वो हमारे नीति निर्धारको के मुंह पर तमाचा है 19 छात्रों की मौत पर अब गन्दी सियासत हो रही है ......क्या इंसान के जान की कोई कीमत नहीं रह गयी है इस देश में ..... चिदम्बरम हो या फिर पथरो से प्रेम करने वाली बहिन जी या फिर ममता सब .... पल्ला झाड रहे है. आखिर हमारे राजनेता कब सुधरेगें. जिला प्रशन कह रहा है की उसे पता ही नहीं चला और उससे भारती का आयोजन कर रहे आईटीबीपी नेअपने जानकारी नहीं दी ... क्या इन बागानों से बचा जा सकता है सच तो ये है ये निर्लज्जता की हद है