Friday, February 4, 2011
बरेली में जो हुआ
दोस्तों ! हादसों का कोई वक़्त मुकर्रर नहीं होता लेकिन हादसों से सबक ना लेना दुसरे हादसों को दावत देना है बरेली में जो हुआ सो हुआ वो हमारे नीति निर्धारको के मुंह पर तमाचा है 19 छात्रों की मौत पर अब गन्दी सियासत हो रही है ......क्या इंसान के जान की कोई कीमत नहीं रह गयी है इस देश में ..... चिदम्बरम हो या फिर पथरो से प्रेम करने वाली बहिन जी या फिर ममता सब .... पल्ला झाड रहे है. आखिर हमारे राजनेता कब सुधरेगें. जिला प्रशन कह रहा है की उसे पता ही नहीं चला और उससे भारती का आयोजन कर रहे आईटीबीपी नेअपने जानकारी नहीं दी ... क्या इन बागानों से बचा जा सकता है सच तो ये है ये निर्लज्जता की हद है
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